श्रीकृष्ण ने राधा से कहा, तुमने लाल साड़ी पहनी तो मैं आज पगड़ी पहनुंगा

भोपाल । मप्र जनजातीय संग्रहालय में गायन, वादन और नृत्य 'उत्तराधिकार' में रविवार को विद्याराव एवं साथी (उज्जौन) का 'मालवी फाग' हुआ। वहीं मधुश्री हेतियाल एवं साथी (मेदिनीपुर) ने पश्चिम बंगाल के लोकनृत्य की प्रस्तुति दी। पश्चिम बंगाल के पारंपरिक झूमर लोकनृत्य में होली उत्सव पर गायन पहाड़ धरे मंदर बाजे.... फाग गायन से हुई, जिसमें बताया कि आपके स्वागत सम्मान में हमे बहुत खुशी हुई है। अलगी प्रस्तुति तुही पीधे लाल सारी... रही, जिसमें श्रीकृष्ण-राधा से कहते है कि तुम लाल साड़ी पहन कर आई हो तो मैं पगड़ी पहनुंगा।


मानभूम छाऊ में दिखाया हिरण्यकश्यपु वध


इस क्रम में उन्होंने मानभूम छाऊ लोकनृत्य में होलीकोत्सव के मौके पर हिरण्यकश्यपु वध को दर्शाया गया। विष्णुपुराण में वर्णित कथानुसार हिरण्यकश्यपु की कठिन तपस्या से प्रसन्न ब्रह्मा जी द्वारा दिया गया वरदान ने उसे अहंकारी बना दिया और वह अपने को अमर समझने लगा। उसने इंद्र का राज्य छीन लिया और तीनों लोकों को प्रताड़ित करने लगा। वह चाहता था कि सब लोग उसे ही भगवान मानें और उसकी पूजा करें। उसने अपने राज्य में विष्णु की पूजा को वर्जित कर दिया। हिरण्यकश्यपु का पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु का उपासक था और यातना और प्रताड़ना के बावजूद वह विष्णु की पूजा करता रहा। भगवान विष्णु प्रह्लाद को उबारने के लिए खंभे से नरसिंह के रूप में प्रकट हुए और हिरण्यकश्यपु का वध किया।


 

भोला कान्हा,पणिलो भरना दे...


इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत मालवी फाग गायन सुमरू देवी शारदा,सुंड़ाला थाने ध्यांऊ....से हुई। नरबदा रंग से भरी,होली खेलेगा श्रीभगवन....जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के लिए नर्मदा मैया भी पूरे रंगो से भर जाती हैं। राजा दशरथ द्वार मची रे होली...इसमें बताया कि अयोध्या में राजा दशरथ के महल में होली का त्यौहार उत्साह में मनाया जा रहा है। मथुरा का भोला कान्हा,पणिलो भरना दे... गायन में बताया कि राधा जब अपनी सखियों के साथ पानी भरने के लिए जाती है और कृष्ण उन्हें बार-बार पानी भरने से रोकते हैं। शिव मठ पर उड़े रे गुलाल ध्वाजा...इस गीत में बताया कि होली का उत्सव भगवान शिव के मठ में मनाया जा रहा है। गजरा रे गजरा....सहित अन्य मालवी फाग गायन और नृत्य पेश किया।