पति सेवा से बढ़कर कोई तपस्या नहीं है - साध्वी

खूजा । ग्राम उड़ीना में गढ़ी सरकार पर चल रही भागवत कथा में रुकमणि कृष्ण विवाह प्रसंग की कथा सुनाई गई। कथा में विवाह समारोह धूमधाम से मना। इस दौरान कथा व्यास साध्वी भाग्यश्री देवी ने श्रीकृष्ण-रुकमणि विवाह का विस्तार से वर्णन सुनाया। रुकमणि विवाह की आकर्षक झांकी के श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। पंडाल में मौजूद महिला-पुरुषों ने रुकमणि और श्रीकृष्ण के पैर पूजने की रस्म भी निभाई। कथा का रसपान कराते हुए साध्वी ने बताया कि वैवाहिक जीवन में पति को परमेश्वर की संज्ञा दी गई है। पतिव्रता स्त्रियों के लिए पति की सेवा से बढ़कर दुनिया में कुछ भी नहीं है। साध्वी ने बताया कि पति की इज्जत किए बिना घर में शांति संभव नहीं है। माता सीता को आर्दश के रूप में इसीलिए देखा जाता है। उन्होंने कहाकि माता-पिता दोनों का कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें। ताकि वे भारतीय संस्कृति के अनुसार जीवन यापन कर सकें। कथा के अंत में आरती उतार कर प्रसाद वितरण किया गया।