ग्वालियर । बच्चा स्कूल में क्या कर रहा है?, क्लास में है या ग्राउंड में?, स्कूल में है भी या नहीं?। अपने बच्चे के लिए पैरेन्ट्स की ये चिंता आम है। बच्चा चाहे किसी भी क्लास में हो पैरेंट्स की नजर से दूर होते ही उनकी परेशानी बढ़ ही जाती है। ऐसे में यदि स्कूल, स्टूडेंट्स और पैरेंट्स एक साथ जुड़े रहें। जब मर्जी तब पैरेन्ट्स अपने बच्चे की जानकारी ले सकें तो उनकी आधी परेशानियां ही खत्म हो जाएं। स्मार्ट की ओर बढ़ते शहर के स्कूलों में अब कुछ ऐसी ही सुरक्षा व्यवस्था बनाए जाने का प्रयास चल रहा है। इसकी शुरुआत कुछ स्कूलों ने कर दी है तो कुछ ने शुरू होने वाले सत्र से प्लान लागू करने का मन बनाया है।
एसएमएस से मिलेगी जानकारी
बच्चों की सुरक्षा की दिशा में अब एक नई टेक्नोलॉजी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। जिसमें स्कूल, कॉलेज के स्टूडेंट से संबंधित जानकारी एक एसएमएस से पैरेंट्स को दी जाएगी। बच्चे, स्कूल पहुंचे या नहीं? स्कूल से कब निकले, पैरेंट्स-टीचर मीटिंग कब है इन सभी की जानकारी एसएमएस से मिल सकेगी। अभी तक पैरेंट्स को बच्चे के आने जाने की जानकारी वॉट्सएप से मिलती थी, मगर इस बार से एसएमएस भी किया जाएगा। पूरे डेटा को ऑनलाइन सेव किया जाएगा। पैरेन्ट्स अपने बच्चों की सभी जानकारी कंप्यूटर, लैपटॉप या स्मार्ट फोन पर चैक कर सकते हैं। इसकी इसमें स्कूल व पेरेन्ट्स एक- दूसरे से कनेक्ट रहेंगे।
स्मार्ट आई कार्ड बनेगा पहचान
स्कूलों द्वारा बच्चों को स्मार्ट आईकार्ड देने का विचार चल रहा है जिससे औसतन 2 रुपए का खर्च आएगा। आईकार्ड में चिप लगी होती है। जिससे ये स्मार्ट आईआर्ड रहेगा तो बच्चे के पास लेकिन उसकी लोकेशन पेरेन्ट्स व स्कूल दोनों को ही मिलती रहेगी।
ई- अटेंडेंस से मिल रही जानकारी
वर्तमान में शहर के स्कूलों में ई- अटेन्डेंस लग रही है। जिससे स्कूल में बच्चा आया या नहीं तुरंत इसका पता चलता है। यदि बच्चा स्कूल में नहीं है तो स्कूल बच्चे के पैरेंट्स को इस बात की खबर करता है कि उनका बच्चा स्कूल नहीं आया। स्कूलों का मानना है कि ऐसा होने से बच्चों की अटेंटेंस पहले की अपेक्षा काफी बेहतर होने लगी है।
स्कूल बसों में लगेंगे आरपीजीएस सिस्टम
जिन स्कूलों की अपनी बसे चलती है उनमें स्कूल बसों के साथ स्कूल प्रिंसपल के मोबाइल आरपीजीएस सिस्टम से जुड़े होते हैं। यदि बस निर्धारित रूट से कहीं भी इधर- उधर जाती है तो स्कूल में पता चल जाता है और तुरंत उस पर कार्रवाई की जाती है। इस व्यवस्था को पूरी तरह से सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य किया जाएगा।
गेट पास से मिलेगी एंट्री
यदि स्कूल के बीच में बच्चे को लेने उसके पैरेन्ट्स आते है तो उनके पास ऐसा गेट पास होगा तभी आने-जाने की अनुमति दी जाएगी। इस पास पर पैरेंट्स और बच्चों के अलावा इस बार से गार्ड की तस्वीर को भी अनिवार्य किया जाएगा। स्कूल टीचर गौरव तिवारी कहते हैं हर बार बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते हैं, इसलिए वे और अन्य ऐसे साथी, जो स्कूल चलाते हैं, सभी मिलकर व्यवस्था को दुरुस्त बना रहे हैं। अपने स्तर पर जितनी टेक्नोलॉजी पर आधारित व्यवस्थाएं होंगी। उन्हें वे आत्मसात कर आगे बढ़ेंगे।