एक बनेंगे, नेक बनेंगे। हम सुधरेंगे युग सुधरेगा

भोपाल। रविवार का दिन केंद्रीय जेल में बंद कैदियों के लिए कल्याणकारी रहा। जेल में सुबह 8 बजे उस समय गायत्री मंत्र गूंजने लगा, जब अनुष्ठानाचार्य ने 108 कुंडीय हवन यज्ञ में कैदियों को यजमान बनाकर आहूतियां अर्पित करवाई। इस यज्ञ के 2400 बंदी साक्षी बने। सभी ने सिर पर सफेट टोपी और सफेद ही कपड़ा धारण कर रखा था। धार्मिक अनुष्ठान के शुभारंभ पर सुबह 7 बजे 108 बंदी महिलाओं ने सिर पर कलश धारण कर कलश यात्रा निकाली। यज्ञ अनुष्ठान को लेकर कैदियों में काफी उत्साह दिखा। कैदियों ने कलश यात्रा के दौरान संदेश दिया कि 'एक बनेंगे, नेक बनेंगे। हम सुधरेंगे युग सुधरेगा'। गायत्री यज्ञ के संयोजक रमेश नागर ने बताया कि गायत्री हवन यज्ञ का यह दूसरा वर्ष है। भगवान की भक्ति करने सभी स्वतंत्र हैं। चाहे जेल में हो या किसी अन्य स्थान पर रहें। इसी उद्देश्य से रविवार को केंद्रीय कारागार के खंड बी परिसर में सत्यप्रवृत्ति संवर्धन व दुष्ट प्रवृत्ति उन्मूलन गायत्री महायज्ञ का अनुष्ठान रखा गया। शांतिकुंज हरिद्वार के अनुष्ठानाचार्य प्रभाकांत तिवारी और भोपाल स्थित गायत्री शक्तिपीठ के युवा प्रकोष्ठ के सानिध्य में संपन्न हुआ। यह यज्ञ दो पालियों में हुआ। 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में 2400 कैदियों ने अपनी आहूतियां दीं। उल्लेखनीय है कि जेल में दिसंबर 2018 से गायत्री मंत्र का लेखन चल रहा था। जिसका रविवार को 24000 मंत्र लेखन पुस्तिकाओं का पूजन और पूर्णाहुति की गई। कैदियों को संकल्प दिलाया कि अपने मन की बुराइयां छोड़ो। गायत्री मंत्र का जाप और गायत्री मंत्र के भावार्थ अपने जीवन सन्मार्ग में ले जाएं। अच्छे कार्य करें। कैदियों ने लिखकर फीडबैक दिया। इसमें 2018 से चल रहे 24000 हजार गायत्री मंत्र लेखन कार्य का उल्लेख किया। उन्होंने लिखा कि आगे चलकर अच्छे कार्य करेंगे न कि बदले की भावना से कार्य करेंगे। यज्ञ अनुष्ठान की सभी तैयारियों कैदियों ने ही की थी। जेल में लेखन कार्य विनीता प्रशांत खंडेलवाल इंदौर ने करवाया था।


 

'सुख के सब साथी'


महायज्ञ अनुष्ठान में शामिल जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे ने 'सुख के सब साथी, दुख के ना कोई' गीत सुनाकर कैदियों को अच्छे कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे औषधीय पूर्ण गायत्री महायज्ञ में आहूतियां देने से कोरोना वायरस का संक्रमण नष्ट होगा। गायत्री परिवार ने सभी जेल अधिकारियों को वायु संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों से बचने के लिए गोमय यज्ञ कुंड की किट दी। गायत्री मंत्र के जाप और लेखन से कैदियों के आहार-व्यहार में बदलाव आया है। ऐसे ही अनुष्ठान होते रहे हैं तो जेल से नकारात्मकता दूर हो जाएगी।


महिला दिवस भी मनाया


यज्ञ अनुष्ठान में 108 महिलाएं कलश लेकर शामिल हुईं। कलश यात्रा में महिलाओं के पीछे कैदी हाथ में व्यसनमुक्ति, कुरीति उन्मूलन जैसे संदेशों की तख्तियां लेकर चल रहे थे। एक बनेंगे, नेक बनेंगे। हम सुधरेंगे युग सुधरेगा आदि नारे भी लगाए। सहायक जेल अधीक्षक सरोज मिश्रा ने 'मां ओ मां' गीत सुनाकर ध्यान खींचा। गायत्री परिवार के महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी मधु श्रीवास्तव ने महिला दिवस की महत्ता बताई। महिला दिवस एक दिन नहीं, 365 दिन महिलाओं का सम्मान हो। इस दौरान सभी ने फूल होली भी खेली। इस मौके पर डॉ. अमर धाकड़, आरपी हजारी, रामचंद्र गायकवाड़ समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।