आइसोलेशन वार्ड बंद देख कलेक्टर बोले- व्यवस्था खराब, मरीज की स्क्रीनिंग तक नहीं की जाती

ग्वालियर । जेएएच में आइसोलेशन वार्ड बंद और बिना मास्क के घूम रहे स्टाफ को देख कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा यहां की व्यवस्थाएं खराब हैं। स्टाफ के लिए मास्क, सैनिटाइजर तक की व्यवस्था नहीं है। आइसोलेशन वार्ड बंद कर रखा है तो मरीज कहां भर्ती होगा। मरीज की स्क्रीनिंग तक की व्यवस्था नहीं। उधर जयारोग्य अस्पताल में इलाज लेने पहुंची जयपुर से लौटी महिला को दो घंटे तक भटकना पड़ा। लापरवाही की हद तब हो गई जब मेडिसिन के डॉक्टरों ने उसे घर पर रहकर इलाज लेने की सलाह दे दी। जब वह कोल्ड ओपीडी पहुंची तो उसे बोल दिया गया कि ओपीडी बंद हो चुकी। उसने बताया कि उसे सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में परेशानी हो रही है। मीडिया ने भी कोल्ड ओपीडी में बैठे डॉक्टरों को कहा कि यदि कोरोना के लक्षण दिखाई देने पर भी आप नहीं देखेंगे तो मुश्किल खड़ी होगी। जिसके बाद डॉक्टरों के हाथ-पांव फूल गए और उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपल लिया गया। फिर कलेक्टर के आदेश पर बिरला अस्पताल भेज दिया गया। निरीक्षण के दौरान विधायक प्रवीण पाठक, प्रभारी डीन डॉ. सरोज कोठारी, जेएएच अधीक्षक डॉ. अशोक मिश्रा, सीएमएचओ डॉ. एसके वर्मा व अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।


 

स्क्रीनिंग तक नहीं की जा रहीः कलेक्टर ने अस्पताल का निरीक्षण करते हुए कहा कि संदिग्ध मरीज की स्क्रीनिंग की व्यवस्था नहीं है तो मरीज फिर जाए कहां। इस पर प्रभारी डीन का कहना था कि यहां पर उसी मरीज को रखा जाना है, जिसका इलाज होना हो। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि स्क्रीनिंग कक्ष तैयार किया जाए, जहां पर 24 घंटे मरीज की स्क्रीनिंग हो सके।


सीधी बातः


डॉ. सरोज कोठारी, प्रभारी डीन जीआरएमसी


सवालः कलेक्टर और विधायक अस्पताल किस लिए पहुंचे और क्या किया?


जवाबः आइसोलेशन वार्ड बंद देख कलेक्टर साहब का कहना था कि व्यवस्थाएं खराब हैं,जबकि व्यवस्थाएं दुरस्त हैं।


सवालः मास्क, सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे और मास्क वितरण में पक्षपात की बात सामने आ रही है?


जवाबः हर किसी को एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं करवाए जा सकते। जिन्हें आवश्यकता है उन्हें दिए जा रहे हैं।


सवालः कोरोना संदिग्ध महिला के इलाज में लापरवाही बरती गई, मीडिया के हस्ताक्षेप पर उसकी जांच हुई?


जवाबः ओपीडी 8 से 2 बजे तक और उसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जा रही है। जिन लोगों की लापरवाही सामने आई है, उसकी जांच की जाएगी।