भोपाल । माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) की दसवीं बोर्ड की परीक्षा में सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र में आजाद कश्मीर के ऊपर पूछे गए दो सवाल पर विवाद खड़ा होने के बाद नया खुलासा हुआ है। शासन ने आनन-फानन में प्रश्नपत्र को तैयार करने वाले सेटर और मॉडरेटरको निलंबित तो कर दिया, लेकिन 10वीं के सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में ही आजाद कश्मीर का उल्लेख है। यह शब्द 2008 में प्रदेश में भाजपा सरकार के दौरान जुड़े थे। प्रश्न पत्र में सही मिलान मिलाने वाला पूछा गया प्रश्न पाठ्यक्रम की किताब में हूबहू मौजूद है।
किताब में यह है उल्लेख
सामाजिक विज्ञान की किताब पेज क्रमांक 181 में अभ्यास में विकल्प चुनिए में प्रश्न क्रमांक 2 में उल्लेखित है कि 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का कारण था। इसमें चार विकल्प दिए गए हैं। कच्छ का रण क्षेत्र, आजाद कश्मीर, राजस्थान का जेसलमेर, भारत पर जासूसी। वहीं दूसरा प्रश्न भी किताब में उल्लेखित है, लेकिन संदर्भ अलग है।
पाठ्यक्रम का नहीं किया गया रिव्यू
राज्य शिक्षा केंद्र का पाठ्यक्रम सेल हर साल शिकायत मिलने पर पाठ्यक्रम की समीक्षा करता है, लेकिन कई सालों से मप्र की स्कूली किताबों का विभाग ने यह कार्य नहीं किया। इससे पहले भी 12वीं के हिंदी विषय की किताब में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के देहावसान तिथि में गलत प्रिंटिंग की गई थी।
इनका कहना है
किताब में आजाद कश्मीर का उल्लेख है और हर साल यह प्रश्न पूछे जाते हैं। अगर पाठ्यक्रम से इसे हटा दिया जाए तो प्रश्नपत्र में नहीं पूछे जाएंगे। बच्चों को आजाद कश्मीर ही पढ़ाया जाता है।
रजनीश जैन, निलंबित मॉडरेटर
हम मामले की जांच करेंगे। अगर जांच में पाठ्यक्रम निर्धारण करने वाला दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ भी नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
डॉ प्रभुराम चौधरी, स्कूल शिक्षा मंत्री