चित्तौड़गढ़, भरतपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के कलक्टर को लगाई फटकार
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में गहलोत पूरी तरह से एक्शन मोड में नजर आए। उन्होंने निःशुल्क दवा योजना में दवाइयों की उपलब्धता नहीं होने पर चित्तौड़गढ़, भरतपुर, अलवर और श्रीगंगानगर के कलक्टर को फटकार भी लगाई। मुख्यमंत्री ने इन जिलों के कलक्टर से स्पष्ट कहा की दवाइयां उपलब्ध कराना आपकी जिम्मेदारी बनती है। यदि आप जिले का नेतृत्व नहीं संभाल सकते तो फिर आपको कलक्टर रहने का कोई हक नहीं है।
एईएन को चार्जशीट देने के निर्देश
गहलोत ने कहा कि दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ-साथ अस्पतालों में खराब पड़े चिकित्सीय उपकरणों को समय पर सही कराना होगा और इस कार्य में कलक्टर चाहे तो भामाशाह का सहयोग भी ले सकते हैं। मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़, प्रतापगढ़ और अजमेर कलक्टर को भी डांट लगाई। हनुमानगढ़ नगर परिषद आयुक्त द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी नहीं करने पर मुख्यमंत्री ने हनुमानगढ़ कलक्टर को वीडियो कॉन्फ्रेंस में जवाब तलब किया। प्रतापगढ़ की कलक्टर को बिजली विभाग के एईएन द्वारा बिजली कनेक्शन की झूंठी रिपोर्ट देने पर मुख्यमंत्री ने उनको सही ढंग से काम करने की नसीहत देते हुए एईएन को चार्जशीट देने के निर्देश भी दिए।
कोटा कलक्टर मुख्यमंत्री को संतुष्ट नहीं कर पाए
मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कोटा कलक्टर को सही ढंग से काम करने की सख्त हिदायत दी। मुख्यमंत्री ने कोटा कलक्टर से पूछ लिया कि क्या आप परिवाद पढ़ना जानते हो ? आप परिवाद पढ़कर सुनाइए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोटा कलक्टर ने वीसी में ही परिवाद पढ़कर सुनाया। दरअसल मुख्यमंत्री जनसुनवाई में दर्ज परिवादों में से चिन्हित 3 परिवादों के निस्तारण पर कोटा कलक्टर मुख्यमंत्री को संतुष्ट नहीं कर पाए। मुख्यमंत्री इस बात से नाराज थे कि राजस्थान जनसंपर्क पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के निस्तारण के लिए कलक्टर गंभीर नहीं हैं।
एससी-एसटी के लंबित मामलों का जल्द हो निस्तारण
गहलोत ने सभी कलेक्टर से एससी और एसटी निवारण अत्याचार अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए। साथ इस वर्ग के आर्थिक सहायता से जुड़े केसों का भी जल्द से जल्द निस्तारण करने को कहा। गहलोत ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि सिलिकोसिस से पीड़ितों के लंबित केसों का निस्तारण करें और राहत राशि जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं। सरकार की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं का डिलीवरी सिस्टम ठीक नहीं होने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को सख्त हिदायत देकर जमीनी ग्राउंड पर काम करने के निर्देश दिए हैं।